बिहार राज्य के खेल संघों के पाँच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में खेल व खिलाड़ियों के विकास हेतु 21 सूत्री मांगों को लेकर बिहार सरकार के कला, संस्कृति एव युवा विभाग के मंत्री ( खेलमंत्री ) डॉ. आलोक रंजन को ज्ञापन सौंपा।
जिसमें मुख्य रूप से खेल विभाग व खेल संघों के बीच बेहतर तालमेल के लिए एक बैठक का आयोजन हो,खेल विभाग में कार्यरत प्रशिक्षकों की सेवा खेल प्रशिक्षण केन्द्र में खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिये लिया जाये।
खेलकूद व शारीरिक क्षमता का बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए राज्य के विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा विषय अनिवार्य किया जाये एवं इसका पर्यवेक्षण जिला खेल पदाधिकारी द्वारा किया जाय जिससे विद्यालय व महाविद्यालय स्तर से खेलकूद का माहौल बने। ज्ञातव्य हो कि राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का स्थान खेलों में 28 वां है। बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ियों की नियुक्ति नियमावली को लचीला बनाया ताकि खिलाड़ियों की नियुक्ति समानरूप से हो सके।
एक ओर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा राज्य खेलकूद विधेयक – 2013 एवं राज्य खेलकूद की गतिविधियों में शामिल करने की बात कही जा रही है। दूसरी ओर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा 17.08.2021 को गठित कमिटी में गैर निबंधित खेल संघों के पदाधिकारियों को सम्मिलित कर बिहार विधान सभा से पारित इस विधेयक का दुरुपयोग किया जा रहा है जो कि गम्भीर जाँच का विषय है।
छात्र एवं युवा कल्याण निदेशालय में कार्यरत पदाधिकारियों के निजी स्वार्थ तमाम प्रक्रियाओं पर भारी पर रहा है। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार से गैर मान्यता खेलों के राज्य इकाई को राज्य खेलकूद परिषद से इसलिए मान्यता देकर स्वीकृत अनुदान की राशि निर्गत कर दी जाती है क्योंकि ऐसे खेल संघ से संबंधित पदाधिकारी छात्र एवं युवा कल्याण निदेशालय में कार्यरत हैं।
साथ हीं साथ वार्षिक विद्यालय खेल कार्यक्रम बनाने से लेकर राजकीय सम्मान समारोह तक इनकी हीं चलती है। जिससे राज्य के खेल व खिलाड़ियों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। खेलमंत्री को ज्ञापन देने मे राज्य खेल संघों की ओर से पाँच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल बिहार राज्य कबड्डी संंघ के सचिव कुुुमार विजय,साइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव डॉ.कौशल किशोर सिंह, बिहार राज्य बॉल बैडमिंटन संघ के सचिव गौरी शंकर,रग्बी फुटबॉल एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव पंकज कुमार ज्योति,बिहार कुश्ती संघ के सचिव विनय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि राज्य में खेलकूद का स्वच्छ माहौल बनाने में खेलमंत्री को 21 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपकर उचित निर्णय लेने का अनुरोध किया गया है।
21 सूत्री मांगों में निम्नलिखित बातें शामिल हैं:-
1. विभाग द्वारा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय,भारत सरकार के अनुरूप खेलों की प्राथमिकता सूची का निर्माण किया जाय।
2. राज्य का जल्द से जल्द बिभिन्न खेल संघों से परामर्श प्राप्त कर खेल नीति का निर्माण किया जाये।
3. राज्य में विभिन्न खेलों के विकास हेतु त्रिस्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र खोला जाय –
(क) प्राथमिक स्तर-एकलव्य प्रशिक्षण केन्द्र
(ख) माध्यमिक स्तर प्रशिक्षण केन्द्र
(ग) राज्यस्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र
4. 35 वर्षों से चली आ रही घीसी-पीटी योजनाओं को तत्काल प्रभाव से बंद कर युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के योजनाओं के अनुरूप नई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाय।
5. सभी खेलों के गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाय एवं कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा पूर्व में नियुक्त की गई प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण के कार्य में लगाया जाय तथा प्रशिक्षकों के उपलब्धि के समिक्षोंप्रान्त इनकी सेवा की संपुष्टि किया जाय।
6. जिला में जिला खेल पदाधिकारी की नियुक्ति की जाय।
7. खेलकूद व शारीरिक क्षमता के बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए राज्य के विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा विषय अनिवार्य किया जाय एवं इसका पर्यवेक्षण जिला खेल पदाधिकारी द्वारा किया जाय।
8. मृत प्राय हो चुके राज्य के विश्वविद्यालयों में खेलकूद के विकास हेतु सार्थक प्रयास किया जाय।
9. तत्कालीन विभागीय सचिव श्री आनंद किशोर द्वारा 2015 में लिए गए निर्णयों को लागू किया जाय।
10. राज्य खेलकूद एक्ट 2013 एवं राज्य खेलकूद परिषद से संघों के निबंधन हेतु नीति सष्ट किया जाए।
11. राज्य खेल संघो को खिलाड़ियों के नियमित प्रशिक्षण हेतु खेल मैदान/उपकरण की व्यवस्था की जाए।
12. विभाग द्वारा विभिन्न खेलों के विकास हेतु निष्पक्ष खेल विशेषज्ञों की समिति बनाई जाए।
13. विभागीय पत्रांक-3/बि-15/2011/580,दिनांक 26.08.2014 के विषय को समिक्षोंप्रान्त खेल के प्राथमिकता के आधार पर खेल के सहायतार्थ प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए विशेष प्रशिक्षण एवं संसाधन उपलब्ध कराई जाए।
14. राज्य में कार्यरत खेल संघों के साथ विभागीय सामंजस हेतु कम से कम 6 माह में एक बार बैठक अनिवार्य की जाए।
15. उत्कृष्ट खिलाड़ियों के नियुक्ति नियमावली की विसंगतियों को अविलंब दूर की जय।
16. बिहार पुलिस नियुक्ति नियमावली में व्याप्त विसंगतियों को अविलंब दूर की जाए।
17. राजकीय खेल सम्मान समारोह को और अधिक पारदर्शी बनायीं जाय।
18. खेलों को रोजगारोन्मुखी/ प्रतिष्ठा दिलाने के प्रयास किया जाय ताकि राज्य के युवा निश्चित हो पूरे मनोयोग से खेलो के प्रति समर्पित हो सके एवं अपना सत प्रतिशत योगदान खेलों में दे सके।ध्यान रहे मेडल प्रत्येक खेल विद्या में तीन ही होता है।
19. खेल विभाग द्वारा खेल संघों को दी जाने वाली सहायता अनुदान राशि में समरूपता लायी जाये एवं 12.06.2013 के गजट में प्रकाशित विभिन्न स्तरों के आयोजनों में दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी कर समयानुसार भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिससे कि राज्य में अधिकाधिक राष्ट्रीय /अंतराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा सके।
20. बिहार राज्य खेल प्राधिकरण का पुनर्गठन किया जाए।
21. राज्य के सभी पंचायतों में खेल विकास हेतु खेल मित्र की नियुक्ति की जाय।