बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली एवं सचिव जय शाह द्वारा BCCI की AGM दिनांक 24,December 2020 मे दिए गए सुझाव को अमलीजामा पहनाते हुए दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया (DCCI) का गठन किया गया है। जिसमें ऑल इंडिया लेवल पर रजिस्टर्ड :
1. दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया
2. मोबिलिटी इंडिया फाउंडेशन
3. ऑल इंडिया क्रिकेट फ़ेडरेशन फॉर डिसेबल्ड
4. ऑल इंडिया क्रिकेट असोसीएशन फ़ॉर डेफ़
5. ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन
6. इंडो व्हीलचेयर क्रिकेट एसोसिएशन
7. व्हीलचेयर क्रिकेट एसोसिएशन
8. दिव्यांग वूमेन क्रिकेट एसोसिएशन ( देश की एकमात्र संस्था)
9. फ़िज़िक्ली चैलेंज्ड क्रिकेट वेल्फ़ेर एसोसिएशन के पदाधिकारियों को लेकर दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया का गठन कर उसको अखिल भारतीय स्तर पर रजिस्टर्ड करवाया गया ।
सर्वसम्मति से दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया का अध्यक्ष डॉक्टर कश्मीर सिंह जो कि उत्तर प्रदेश के जाने-माने तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी रहे हैं उन्हें अध्यक्ष के रूप में चुना गया।
क्रिकेट के खेल के प्रोत्साहन में डॉक्टर कश्मीर सिंह का बहुत बड़ा योगदान है। 2002 में लखनऊ में भारत एवं इंग्लैंड की महिला खिलाड़ियों के बीच टेस्ट मैच का आयोजन , 2005 में भारत-पाकिस्तान के सीनियर क्रिकेटर का एकदिवसीय मैच का लखनऊ मे आयोजन किया। जिसमें जावेद मियांदाद मुदस्सर नजर , अझरुद्दीन, सैयद किरमानी आदि खिलाड़ी खेले थे एवं 2005 मैं लखनऊ में मूक बधिर क्रिकेट खिलाड़ियों के 15 दिवस तक खेले गये।
द्वितीय क्रिकेट वर्ल्ड कप का आयोजन कराया था जिसमें भारत ,पाकिस्तान , श्रीलंका , बांग्लादेश , ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड ,न्यूजीलैंड , साउथ अफ़्रीका व नेपाल की मूक बधिर टीमों ने भाग लिया था । अध्यक्ष डॉक्टर कश्मीर सिंह ने बताया 24 दिसंबर 2020 को बीसीसीआई की एजीएम अहमदाबाद में हुई थी। जिसमें दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के महासचिव हारून रशीद एवं डायरेक्टर क्रिकेट ऑपरेशन नितेंद्र सिंह के अलावा ऑल इंडिया क्रिकेट एसोसिएशन फॉर फिजिकल चैलेंज के रवि चौहान तथा रविंदर भाटी ने भाग लिया था जिसमें बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली एवं जय शाह ने यह सुझाव दिया कि भारत की समस्त प्रकार की दिव्यांगजन क्रिकेट की संस्थाओं की एक संस्था बनाकर उसे रजिस्टर्ड करवाने के उपरांत ऐक्शन प्लान तथा पूरे वर्ष का खेल कैलेंडर लेकर बीसीसीआई के समक्ष रखें।
जिसमें बीसीसीआई जो भी संभव मदद होगी वह जरूर करेगी। इस संबंध में भारत की समस्त संस्थाओं को डॉक्टर कश्मीर सिंह एवं दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल जैन द्वारा ई-मेल किया गया तथा दूरभाष द्वारा सभी से संपर्क कर 9 जनवरी को दिल्ली में एक बैठक में भाग लेने हेतु आमंत्रित किया। जिसमें अखिल भारतीय स्तर पर कार्य करने वाली भारत की 9 एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया तथा दो एसोसिएशन ने भाग लेने के आश्वासन के बावजूद , किन्ही कारणो से भाग नही लिया।
बैठक में दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया नामक संस्था को बनाने का निर्णय लिया गया जिसके अध्यक्ष डॉक्टर कश्मीर सिंह को सर्वसम्मति से चुना गया। अतुल जैन को वरिष्ठ उपाध्यक्ष जेपी कुमार को उपाध्यक्ष तथा नितेंद्र सिंह को उपाध्यक्ष के अतिरिक्त समस्त विभागों में डायरेक्टर क्रिकेट ऑपरेशन चुना गया।
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व फिजियो एवं दिव्यांग खिलाड़ियों के मसीहा के रूप में प्रख्यात डॉक्टर अब्दुल वाहिद सिद्दीकी को जनरल सेक्रेटरी उनके साथ जॉइंट सेक्रेटरी के रूप में विवेक मालशे, रमेश सरतापे, दीपाली गर्ग मीनाबेन मेहता एवं मानवेंद्र सिंह पटवाल तथा कोषाध्यक्ष के रूप में संपूर्ण एशिया में दिव्यांग क्रिकेट के विस्तार के लिए मशहूर हारून रशीद को चुना गया। संस्था के एक्सक्यूटिव मेंबर के रूप में मुकेश कंचन ,सुरेंद्र मगन , कंचनबेन पांड्या, शाहिद अंसारी तथा सुभाष वर्मा को चुना गया तथा संरक्षक एवं सलाहकार के रूप में दिव्यांगजन क्रिकेट के जन्मदाता के रूप में प्रख्यात प्रवीण बहल को चुना गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अतुल जैन ने बीसीसीआई द्वारा दिए गए सुझाव को दिव्यांगजन खिलाड़ियों के लिए बेहतरीन कदम बताया अतुल जैन ने गत वर्ष कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन की वजह से आर्थिक रूप से संकट में आए 200 से अधिक क्रिकेट खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से मदद देकर उन्हे कुछ राहत दी थी।
अतुल जैन तभी से इस प्रयास में है कि दिव्यांग खिलाड़ियों को एक बड़ा मुकाम मिल जाए ताकि उनका परिवार किसी भी तरह से आर्थिक रूप के संकट से जूझने से बच जाए अतुल जैन ने दिव्यांग खिलाड़ियों के एक महाआयोजन को दिल्ली में करने का बीड़ा उठाया है महासचिव अब्दुल वाहिद सिद्दीकी ने कहा कि वह अजीत वाडेकर के साथ 1989 से काम कर रहे हैं और दिव्यांगजन क्रिकेट को बीसीसीआई के साथ जोड़ने के लिए भरसक प्रयास कर रहे थे लेकिन कामयाबी अब मिली है जिस का भरपूर लाभ दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों को जरूर मिलेगा
1989 से ब्लाइंड क्रिकेट टीम के सदस्य रहे मानवेंद्र सिंह पटवाल जिन्होंने तीन बार भारतीय नेत्रहीन टीम की तरफ से विश्व कप में प्रतिनिधित्व किया है 2006 में हुए वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के कप्तान भी रहे जो कि दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया के ज्वाइंट सेक्रेटरी के रूप में है। मानवेंद्र सिंह ने कहा खिलाड़ियों के लिए यह अत्यंत हर्ष तथा एक बड़े सम्मान का विषय है कि बीसीसीआई जैसी बड़ी संस्था दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए आगे आ रही है । निसंदेह इससे भविष्य में खिलाड़ियों के लिए नए रास्ते खुलेंगे।
शारीरिक रूप से दिव्यांगजन क्रिकेट को संपूर्ण एशिया में स्थापित करने वाले हारून रशीद ने बताया कि 24 दिसंबर की बैठक में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली एवं सचिव जय शाह के साथ बातचीत करते हुए विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव रखे गए लेकिन सौरव गांगुली एवं जय शाह दोनों का सीधा सीधा जवाब था कि वह अलग-अलग आ रही संस्थाओं को किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं करेंगे ।
भारत की समस्याएं चाहे वह ब्लाइंड क्रिकेट हो चाहे वह मूकबधिर क्रिकेट हो चाहे वह शारीरिक रूप से निशक्तजन क्रिकेट हो दिव्यांग वुमैन क्रिकेट हो अथवा व्हीलचेयर क्रिकेट हो सभी को एक अंब्रेला के तहत आना होगा तभी बीसीसीआई मदद करेगी । दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ कश्मीर सिंह ने आगे बताया की DCCI संस्था को BCCI से रजिस्ट्रेशन हेतु अनुरोध पत्र ,सभी सम्बंधित दस्तावेज के साथ बीसीसीआई को भेज दिए गए हैं तथा बीसीसीआई के पदाधिकारियों से मुलाकात हेतु समय मांगा गया है।
लेकिन कोरोनावायरस के वर्तमान हालात को देखते हुए समय नहीं मिल पा रहा है । समय मिलने पर दिव्यांग खिलाड़ियों की जरूरतो एवं उनके भविष्य की बेहतरी के लिए बीसीसीआई के समक्ष DCCI का प्रस्ताव एवं ऐक्शन प्लान रखा जाएगा । दिव्याँग क्रिकेट काउन्सिल ओफ़ इंडिया अपनी पूरी क्षमता से दिव्यांग क्रिकेट की एकता एवं उनकी क्रिकेट को नया आयाम देने के लिए कटिबद्ध है ।