शुक्रवार 23 जुलाई से शुरू हो रहे 32वें ओलम्पिक की 500 स्पर्धाओं में भाग लेने दुनिया भर के 200 से अधिक देशों के खिलाड़ी जापान की राजधानी टोक्यो पहुंच रहे हैं। टोक्यो एशिया का पहला शहर होगा, जहां दूसरी बार ओलम्पिक हो रहा है। इससे पहले 1964 में टोक्यो में अठारहवें ओलम्पिक का आयोजन हुआ था। वैसे तो सर्दियों में एक अलग ओलम्पिक का आयोजन होता है, लेकिन लोकप्रियता के लिहाज से गर्मियों का ओलम्पिक कहीं आगे है। टोक्यो ओलम्पिक 2020 का आयोजन पिछले साल 24 जुलाई से होना था, लेकिन कोरोना के कहर से इसे टालना पड़ा।
एक साल की देरी से हो रहे इस आयोजन में भी इस बात की कसक रहेगी कि इस बार दर्शक मैदान में नहीं होंगे। फिर भी, पिछले दो वर्षों से कोरोना से मायूसी झेल रही दुनिया को ओलम्पिक के आयोजन से खुशी मिलने की उम्मीद है।
ग्रीस के प्राचीन शहर ओलम्पिया के नाम पर होने वाले ओलम्पिक खेल या ओलम्पियाड को 2800 साल पुराना माना जाता है, लेकिन आधुनिक ओलम्पिक की शुरुआत ग्रीस की राजधानी एथेंस से सन 1894 में हुई। आधुनिक ओलम्पिक के प्रणेता फ्रांस के शिक्षाविद पियरे द कुबर्तीं हैं।
ओलम्पिक का निशान पांचों महाद्वीप के प्रतीक के रूप में ‘पांच रिंग’ भी कुबर्तीं की ही देन है। विश्व युद्धों को छोड़ दिया जाए तो ओलम्पिक का आयोजन निर्बाध तरीके से होता रहा है। हर चार साल पर होने वाले ओलम्पिक को एक आन्दोलन भी माना जाता है जिसका नेतृत्व करती है अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति। इस समय इसके अध्यक्ष हैं थॉमस बाख।
ओलम्पिक में भारत
ओलम्पिक में भारत की सबसे अधिक सफलता मैदानी हॉकी में रही है जिसकी चर्चा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी की है। भारत ने ओलम्पिक में अब तक कुल नौ स्वर्ण पदक जीते हैं। इसमें से आठ गोल्ड मेडल हॉकी में मिले हैं, जबकि अभिनव बिन्द्रा ने 2008 के बीजिंग ओलम्पिक में एकल मुकाबले में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। बिन्द्रा ने पुरुषों की दस मीटर एयर राइफल स्पर्धा में यह पदक जीता था। हालांकि हॉकी में भारत को पिछली बार 1980 में मॉस्को ओलम्पिक में स्वर्ण पदक मिला था। 2016 के रियो द जनेरो ओलम्पिक में पीवी संधु ने बैडमिन्टन में सिल्वर मेडल जीता, जो किसी भारतीय महिला का ओलम्पिक में पहला रजत पदक था।
प्रधानमंत्री ने भारतीय ओलंपिक खिलाड़ियों का हौसला अफजाई किया
कहा जाता है कि ओलम्पिक में पदक जीतने से अधिक महत्वपूर्ण है इसमें भाग लेना। संभवतः इसी भावना से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टोक्यो ओलम्पिक में हिस्सा लेने जा रहे भारतीय खिलाड़ियों की हौसला अफ्जाई करते हुए कहा है कि अपेक्षाओं के बोझ तले दबना नहीं है बल्कि अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ सम्बोधन को याद करते हुए चीयर्स फॉर इंडिया की लोकप्रियता पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि टोक्यो जा रहे सभी खिलाड़ियों को पुरे देश का आशीर्वाद प्राप्त है।
टोक्यो 2020 ओलम्पिक में भारतीय दल
टोक्यो ओलम्पिक में भारत कुल 85 पदकीय स्पर्धाओं में भाग ले रहा है। 228 सदस्यो वाले इसे दल में 67 पुरुष और 52 महिला खिलाड़ी होंगी। खेल के लिहाज से भारतीय दल पर एक नजरः
एथलेटिक्स
अठारह एथलीटों की टीम टोक्यो में जब भारत का झंडा थामे उतरेगी तो उनके दिलो दिमाग में उड़न सिख स्वर्गीय मिल्खा सिंह का चेहरा जरूर उभरेगा। उनका बेहतरीन प्रदर्शन उन्हें इस टीम की श्रद्धांजलि होगी। भारत को दूती चंद से 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में बहुत उम्मीदें रहेंगी। इसके अलावा नीरज चोपड़ा और शिवपाल सिंह भाले को पदक तक पहुंचाने में जी-जान लगा देंगे। बीस किलोमीटर की पैदल चाल में के.टी. इरफान पदक की मंजिल तय करना चाहेंगे।
तीरंदाजी
तीरंदाजी के महिला वर्ग में सबकी निगाहें टिकी होंगी दीपिका कुमार पर, जिन्होंने हाल ही में पेरिस में आयोजित विश्व तीरंदाजी में तीन गोल्ड मेडल जीते हैं। पुरुष वर्ग में तरुणदीप राय, अतानु दास और प्रवीण जाधव के तीर अकेले-अकेले भी निशाना साधेंगे और फिर बतौर टीम भी।
बैडमिन्टन
विश्व चैम्पियन पीवी संधु ने पिछले ओलम्पिक में चांदी के तमगे का हार पहना था। इस बार उनकी कोशिश होगी कि उनके और भारत के खाते में सोने का पदक आ जाए। पुरुष एकल मुकाबले में बी साई प्रणीत अपनी किस्मत आजमाने कोर्ट में उतरेंगे। इसके अलावा पुरुष युगल टीम भी अपनी झोली में मेडल डालने के लिए भरपूर प्रयास करेगी।
बॉक्सिंग
टोक्यो ओलम्पिक में भारत के लिए नौ मुक्केबाज पदक के बैग में पंच लगाने की कोशिश करेंगे। इनमें मैरी कॉम के साथ सिमरनजीत कौर,पूजा रानी और लवलीना होंगी। पुरुषों में विकास कृष्णन, आशीष कुमार, सतीश कुमार, अमित पंघल और मनीष कौशिक अपने मुक्कों से पदक झटकने की कोशिश करेंगे। हाल ही में अपने पिता को खोने वाले आशीष कुमार को प्रधानमंत्री मोदी ने सचिन तेंडुलकर का उदाहरण देकर ढांढ़स बंधाया कि कैसे सचिन ने अपने पिता को एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के दौरान खोने के बावजूद अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
गोल्फ
भारत के लिए गोल्फ कोर्स से पदक लाने की मशक्कत करेंगे अनिरबान लाहिड़ी और उदयन माने। महिला वर्ग में पदक के लिए क्लब संभालेंगी अदिति अशोक।
निशानेबाजी
भारत के पंद्रह निशानेबाज टोक्यो ओलम्पिक में राइफल और पिस्तौल तानेंगे ताकि अपने सटीक निशाने से भारत की झोली में पदक डालें। युवा निशानेबाज दिव्यांश सिंह पंवार और इलेवनील वलारिवन से पुरुषों की दस मीटर स्पर्धा में काफी उम्मीदें हैं।
तैराकी
साजन प्रकाश, श्रीहरि नटरजा और माना पटेल स्वीमिंग पूल से पदक निकालने के लिए तैराकी के अपने हुनर का जलवा दिखाने की कोशिश करेंगे।
टेबल टेनिस
शरत कमल का नाम तो टेबल टेनिस का काफी जाना-पहचाना नाम है जिन्होंने चौथी बार इस स्पर्धा के लिए क्वालीफाई किया है। उनके अलावा तीन अन्य खिलाड़ी भी तमगे के लिए तमाम कोशिशें करेंगे। शरत मिश्रित युगल में मनिका बत्रा के साथ टेबल संभालेंगे।
लॉन टेनिस
एक अर्से के बाद इस बार लॉन टेनिस में पुरुषों की टीम नहीं होगी, लेकिन अनुभवी सानिया मिर्जा जरूर अपनी कोशिश जारी रखने टोक्यो में होंगी। उनके साथ होंगी अंकिता रैना।
कुश्ती
कुश्ती के अखाड़े में भारत की ओर से उतरेंगी चार महिलाएं- सीमा बिस्ला, विनेश फोगट, अंशु मलिक और सोनम मलिक। पदक की उम्मीदें लिये उनके साथ होंगे तीन पुरुष पहलवान- रवि कुमार दहिया, बजरंग पुनिया और दीपक पुनिया।
हॉकी
टीम गेम में भारत की ओर से हॉकी की पुरुष और महिला दोनों टीमें टोक्यो से मेडल लेकर लौटने के लिए टर्फ पर होंगी। पुरुष टीम की कमान मनप्रीत सिंह कर रहे हैं जबकि रानी रामपाल महिला टीम की कप्तान हैं । दोनों टीमों में 16-18 खिलाड़ी हैं। इसके अलावा टोक्यो ओलम्पिक में नौकायन, जूडो, भारोत्तोलन, तलवारबाजी, जिम्नास्टिक्स और घुड़सवारी में भारत की भागीदारी होगी।





फाइनल मुकाबले के बाद आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर अतिथि बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मृत्युंजय तिवारी, हरिशंकर रवि (एनएसडी स्नातक एवं नेशनल अवार्डी), छोटे लाल सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता), विनोद कुमार सिंह (समाजसेवी), सुनील कुमार (समाजसेवी) और राकेश कुमार चंद्रवंशी (समाजसेवी) खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय उद्घोषक मृत्युंजय झा ने किया जबकि स्कोरिंग की जिम्मेदारी हिमांशु ने निभाई। अंपायर राजेश रंजन और बैजनाथ प्रसाद थे। सबों का स्वागत और धन्यवाद व्यक्त आयोजक संस्था के संस्थापक सचिव संतोष तिवारी ने किया।


