भारत के महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने कहा है कि क्रिकेट में रणनीति बनाने और खिलाड़ियों के चयन में मदद करने वाले ‘डेटा’ (आंकड़ों) से अच्छी प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन मिलना चाहिये ।
द्रविड़ ने 15वीं एमआईटी स्लोन खेल विश्लेषण कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ क्रिकेट में बेसबॉल की तरह ही डेटा का विशेष स्थान रहा है लेकिन पिछले 15 साल में हम औसत की तुलना करने की बजाय इसका इस्तेमाल रणनीति बनाने और खिलाड़ियों के चयन में कर रहे हैं ।’’
एमआईटी कांफ्रेंस में क्रिकेट पर पहली परिचर्चा का विषय ,‘ हाउजडाटा : हाउ एनेलेटिक्स इज रिवोल्शनाइजिंग क्रिकेट (कैसे आंकड़ों के जरिये विश्लेषण में क्रिकेट में क्रांति आ रही है)’ में क्रिकेट की बेहतरी के लिये आंकड़ों के इस्तेमाल पर बात की गई।
भारत के पूर्व कोच और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज गैरी कर्स्टन और इंग्लैंड महिला टीम की पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा कमेंटेटर इशा गुहा ने भी इसमें भाग लिया । इसके सूत्रधार डेल टेक्नॉलाजी के निदेशक आलोक सिंह थे ।
द्रविड़ ने कहा ,‘‘ वह दिन दूर नहीं जब लोग सिंगल लेना छोड़ देंगे क्योंकि मैचअप उन्हें बताता है कि अगली दो या तीन गेंद में वह छक्का लगा सकते हैं ।’’
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि डेटा का इस्तेमाल गेंद और बल्ले के बीच अच्छी प्रतिस्पर्धा के लिये होना चाहिये, सिर्फ चौके छक्के लगाने के लिये नहीं।
गुहा ने कहा कि कैसे टी20 क्रिकेट के आने के बाद से हर गेंद अहम हो गई है । उन्होंने यह भी कहा कि युवा खिलाड़ी अब तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करके विरोधी खिलाड़ियों की प्रोफाइल समझ पाते हैं और उनके खिलाफ रणनीति बना पाते हैं ।