इस आईपीएल में कई बदलाव नज़र आएंगे. इस आईपीएल के दौरान कोई गेंदबाज़ जानबूझ कर देरी करता नज़र नहीं आएगा। गेंदबाज़ बार-बार फ़ील्डिंग में बदलाव करने की कोशिश करते नहीं दिखेंगे। सेट हो चुके बल्लेबाज़ों की लय बिगाड़ने के लिए गेंदों के बीच में खेल को धीमा करने की कोशिश नहीं होगी।
यही नहीं जब कोई बल्लेबाज़ किसी गेंदबाज़ की धुलाई कर रहा होगा तो भी वह कप्तान और अन्य खिलाड़ियों से ज़्यादा देर तक सलाह मशविरा नहीं कर पाएगा। यह सब महज एक नियम के बदलने से हो रहा है। इस बदलाव से नए दौर का ये क्रिकेट कुछ ऐसा हो जाएगा जहां आठ टीमों के खिलाड़ी रोबोट के भांति नजर आने वाले हैं। इसकी छोटी-सी झलक नौ अप्रैल से शुरू होने वाले आईपीएल सीज़न 14 के दौरान देखने को मिल सकती है।
आईपीएल के नए नियमों के मुताबिक किसी भी टीम को 20 ओवरों की अपनी पारी महज 90 मिनट में पूरी करनी होगी। इसमें स्ट्रैटजिक टाइम आउट भी शामिल होगा। इसके चलते प्रत्येक टीम ज़्यादा से ज़्यादा स्पिनरों को मैदान में उतारेगी और तेज़ गेंदबाज़ कहीं छोटे रनअप के साथ गेंदबाज़ी करते नज़र आएंगे क्योंकि 90 मिनट में 20 ओवरों की गेंदबाज़ी पूरी नहीं होने पर टीम पर भारी ज़ुर्माना लगाया जाएगा।
अगर कोई टीम 90 मिनट में 20 ओवरों की गेंदबाज़ी पूरी नहीं कर पाएगी तो उसके कप्तान पर 12 लाख रूपये से लेकर 30 लाख रूपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और एक मैच की पाबंदी भी लगाई जा सकती है। ऐसे में कप्तान स्पिन गेंदबाज़ों पर भरोसा करेंगे जिसके चलते आईपीएल में बड़े स्कोर और लंबे-लंबे शाट्स देखने को मिल सकते हैं। मैदान में सबकुछ मशीनीकृत अंदाज़ में तेजी से होता दिखेगा।
90 मिनट में 20 ओवर की गेंदबाज़ी कितनी बड़ी चुनौती साबित होगी, इसका अंदाज़ा इससे लगाइए कि पिछले सीज़न के सबसे कामयाब तेज़ गेंदबाज़ कागिसो रबाडा को टीम प्रबंधन महज चार मिनट के अंदर ओवर समाप्त करने का संदेश दे तो क्या-क्या हो सकता है।
दिल्ली कैपिटल्स के रबाडा कहीं छोटे रन अप के साथ गेंद फेंकते दिखेंगे, गेंद की तेजी से उनका ध्यान हटकर जल्दी-जल्दी ओवर पूरा करने पर आ जाएगा क्योंकि महज चार मिनट के अंदर ओवर समाप्त करने का संकट है।
आईपीएल के नए नियमों के मुताबिक प्रत्येक टीम को एक घंटे में कम से कम 14.11 ओवर की गेंदबाज़ी करनी होगी. अगर किसी भी वजह से खेल बाधित होता है और 20 ओवरों से कम का खेल संभव होता है कि प्रति ओवर चार मिनट 15 सेकेंड का समय भी कम होता जाएगा।
90 मिनट में 20 ओवरों की गेंदबाज़ी पूरी नहीं होने पर जो ज़ुर्माना लगाया जाएगा वह इस तरह से होगा-
पहली ग़लती- कप्तान पर 12 लाख रुपये का ज़ुर्माना। दूसरी ग़लती- कप्तान पर 24 लाख रुपये का ज़ुर्माना, टीम के बाक़ी खिलाड़ियों पर मैच फीस का 25 प्रतिशत या छह लाख रुपये (जो कम हो) का ज़ुर्माना। तीसरी ग़लती और बाद की हर ग़लती पर- कप्तान पर 30 लाख रुपये का ज़ुर्माना और कप्तान पर एक मैच की पाबंदी। टीम के बाक़ी खिलाड़ियों पर मैच फीस का 50 प्रतिशत या 12 लाख रुपये (जो कम हो) का ज़ुर्माना।
इतना ही नहीं अगर कोई कप्तान दो बार ग़लती होने के बाद तीसरी ग़लती से बचने और एक मैच की पाबंदी से बचने के लिए कप्तानी छोड़ देता है तो भी उस पर टीम प्रबंधन की ओर से बीसीसीआई को लिखित में जानकारी दिए जाने तक पाबंदी लगती रहेगी।