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KRIDA NEWS

विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार को मिली लगातार चौथी हार, बाबुल के 78 रनों की पारी बेकार

पटना:- बीसीसीआई द्वारा आयोजित घरेलू टूर्नामेंट विजय हजारे एकदिवसीय ट्रॉफ़ी में आज बिहार और उड़ीसा के बीच बिहार का चौथा मुकाबला एलुर क्रिकेट स्टेडियम बेंगलुरु में खेला गया। जिसमें उड़ीसा ने बिहार को 7 विकेट से पराजित कर अपनी झोली में सभी 4 अंक डालने में सफल रही।

जिसकी जानकारी देते हुए बीसीए मीडिया कमेटी के संयोजक कृष्णा पटेल ने बताया कि आज सुबह टॉस बिहार के कप्तान आशुतोष अमन जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया।

जिसको सही साबित करते हुए बिहार की पारी की शुरुआत करने आए सलामी बल्लेबाज मंगल महरुर और सकीबुल गनी ने ठोस शुरुआत दिलाई और जब बिहार की पारी का कुल स्कोर 95 रन हुआ था कि 21 ओवर की आखिरी गेंद पर बिहार को पहला झटका सकीबुल गनी के रूप में लगा जब वो 48 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर अपना संयम खो बैठे और अर्धशतक लगाने से चूके जिसे शांतनु मिश्रा ने अपना शिकार बनाते हुए संदीप पटनायक के हाथों कैच कराकर पवेलियन का रास्ता दिखाया।

उसके बाद बिहार को दूसरा झटका 98 रन के योग पर लगा जब सलामी बल्लेबाज मंगल महरुर 38 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर शांतनु का शिकार बने जिसे अंकित यादव के हाथों कैच कराकर चलता किया। जबकि तीसरा झटका बिहार को 99 रन के योग पर लगा जब यशस्वी ऋषभ को शांतनु मिश्रा ने प्रवीण कुमार लुहा के हाथों कैच कराकर पवेलियन का रास्ता दिखाया।

बिहार की इस लड़खड़ाती पारी को बाबुल कुमार और शशीम  राठौर का सहारा मिला लेकिन जब बिहार संभलती हुई नजर आ रही थी तभी 148 रन के योग्य पर बिहार को चौथा झटका शशीम राठौर के रूप में लगा जब 27 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर राजेश मोहंती ने कॉट एंड बोल्ड कर अपना शिकार बनाया।

एक छोर पर संभल कर बल्लेबाजी कर रहे बाबुल कुमार का साथ देने आए विकेटकीपर बल्लेबाज विकास रंजन ने 20 रन का योगदान देकर पवेलियन वापस आ गए सूर्यकांत प्रधान ने क्लीन बोल्ड कर चलता कर दिया उस समय बिहार का कुल स्कोर 43.2 ओबरा में 190 रन था। जबकि 226 रन के योग पर बिहार को छठा झटका कप्तान आशुतोष अमन के रूप में लगा जब 6 रन बनाकर राजेश मोहंती का शिकार बने।

वहीं एक छोर पर बिहार की पारी का खेवनहार बाबुल कुमार रन गति प्रदान करने में 50वें ओवर की पहली गेंद पर सूर्य प्रधान का शिकार 78 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर बने जिसे शुभ्रांशु सेनापति के हाथों कैच कराकर इस पारी का अंत किया और बिहार निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट खोकर कुल 255 रन बनाए और जीत के लिए उड़ीसा के सामने 256 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा। उड़ीसा की ओर से गेंदबाजी कर रहे शांतनु मिश्रा ने 10 ओवरों में 46 रन खर्च कर 3 विकेट झटके। जबकि राजेश मोहंती और सूर्यकांत प्रधान तो दो-दो सफलताएं हाथ लगी।

जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी उड़ीसा टीम के सलामी बल्लेबाज कप्तान शांतनु मिश्रा और संदीप पटनायक ने सदी हुई शुरुआत दिलाई और दोनों सलामी बल्लेबाजों ने अपना-अपना अर्धशतक पूरा करते हुए टीम को 124 रनों के स्कोर पर लाकर खड़ा किया तभी बिहार के गेंदबाज राहुल कुमार ने संदीप पटनायक को 64 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर क्लीन बोल्ड कर बिहार को पहली सफलता दिलाई।

जबकि बिहार को दूसरी सफलता शुभ्रांशु सेनापति के रूप में मिली जब 11 रन के निजी स्कोर पर सकीबुल गनी ने  रन आउट कर पवेलियन का रास्ता दिखाया और 171 रन के योग पर उड़ीसा को तीसरा झटका लगा जब तेज गति से रन चुराने की फिराक में सलामी बल्लेबाज कप्तान शांतनु मिश्रा 76 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए जिसे अपूर्वा आनंद ने तेजतर्रार क्षेत्ररक्षण करते हुए चलता किया।

लेकिन बिहार की सारी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए उड़ीसा के बल्लेबाज कार्तिक विश्वाल ने नाबाद 46 गेंदों पर 53 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली और अंकित यादव ने नाबाद 39 गेंदों पर 43 रन की शानदार पारी खेलते हुए 48.1 ओवरों में 258 रन बनाकर बिहार को 7 विकेट से पराजित कर दिया।

बिहार की ओर से गेंदबाज राहुल कुमार को एकमात्र सफलता हाथ लगी।

बिहार का पांचवा और इस राउंड का आखिरी मुकाबला 28 फरवरी को एलुर क्रिकेट स्टेडियम बेंगलुरु में केरल के साथ खेला जाएगा।

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BCA Senior One Day: गया ने जीत के साथ को आगाज, शेखपुरा को 107 रनों से रौंदा

BCA Senior One Day Trophy: नालंदा क्रिकेट ग्राउंड पर चल रहे बीसीए मेंस सीनियर वनडे ट्रॉफी के पहले मुकाबले में गया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए शेखपुरा को 107 रनों से मात दी। गया की जीत में बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों ने अहम भूमिका निभाई।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी गया की टीम ने 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 344 रन बनाए। गौतम विजय कुमार ने बेहतरीन शतक जड़ते हुए 123 गेंदों पर 111 रन बनाए, जिसमें 15 चौके और 2 छक्के शामिल थे। उनके साथ अभिषेक अनिल रहाणे ने भी शानदार प्रदर्शन किया और 89 गेंदों में 101 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। निक्कू कुमार ने भी 17 गेंदों पर 46 रन ठोककर टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाया।

शेखपुरा के गेंदबाजों के लिए यह दिन चुनौतीपूर्ण रहा। नवाज खान ने सबसे ज्यादा विकेट चटकाए, लेकिन इसके लिए उन्हें 7 ओवर में 79 रन खर्च करने पड़े।

244 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी शेखपुरा की टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। हालांकि, अंकुश राज ने 72 रन और वीर अभिमन्यु ने 50 रन बनाकर संघर्ष किया, लेकिन टीम 38.3 ओवर में 237 रन ही बना सकी और ऑलआउट हो गई।

गया के गेंदबाजों में निक्कू लालमणि कुमार सबसे सफल रहे, जिन्होंने 7 ओवर में 45 रन देकर 3 विकेट झटके। इसके अलावा, अभिषेक मंटू प्रसाद और गौतम विजय कुमार ने 2-2 विकेट हासिल किए।

शानदार प्रदर्शन के लिए गौतम विजय कुमार को ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया। उन्हें सम्मानित करते हुए गया जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पुलस्कार सिंह, सचिव असद शाहीन, उपसचिव दिवेश आनंद, उपाध्यक्ष अशोक यादव और कोषाध्यक्ष अरविंद कुमार तिवारी ने पूरी टीम को जीत की बधाई दी।

गया की टीम अब अपने अगले मुकाबले में नवादा से भिड़ेगी, जहां वह अपनी जीत की लय को बरकरार रखने के इरादे से उतरेगी।

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शैलेंद्र कुमार स्मृति अंडर-15 अंतर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट 2 मार्च से पटना में 

पटना: आगामी 2 मार्च से पटना में सरदार पटेल स्पोट्र्स फाउंडेशन के तत्वावधान में कासा पिकोला रेस्टूरेंट के सहयोग से वरिष्ठ खेल पत्रकार शैलेंद्र कुमार की स्मृति में आयोजित होने वाले शैलेंद्र कुमार मेमोरियल अंडर-15 अंतर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है।

टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच श्रीराम खेल मैदान बनाम एसके पुरी पार्क एकेडमी के बीच खेला जायेगा। दूसरा मुकाबला स्कूल क्रिकेट एकेडमी और सरदार पटेल क्रिकेट एकेडमी के बीच खेला जायेगा। 

यह जानकारी देते हुए आयोजन सचिव नवीन कुमार ने बताया कि मैच नॉक आउट आधार पर 25-25 ओवरों के खेले जायेंगे। प्रतिदिन दो मैच खेले जायेंगे।

उन्होंने कहा कि इस आयोजन में पुरस्कारों की बरसात होगी। विजेता व उपविजेता टीमों को ट्रॉफी समेत कई आकर्षक पुरस्कार दिये जायेंगे। प्रतिदिन मैन ऑफ द मैच, बेस्ट बैट्समैन, बेस्ट बॉलर, बेस्ट विकेटकीपर, मैन ऑफ द टूर्नामेंट समेत कई अन्य पुरस्कार भी दिये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में खेलने हेतू आयु प्रमाण पत्र और आधार कार्ड साथ लाना होगा। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली टीमें संतोष तिवारी से 9386962380 पर संपर्क कर सकते हैं।

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Hayman Trophy के लिए गया की टीम का ऐलान, मंगल महरौर को बनाया गया कप्तान

Hayman Trophy: बीसीए द्वारा आयोजित हेमन ट्रॉफी के लिए गया की टीम का ऐलान कर दिया गया है। गया जिला क्रिकेट संघ द्वारा चयनित 20 खिलाड़ियों की टीम हेमन ट्रॉफी अंतर जिला क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए शनिवार को नालंदा रवाना हुई। टीम को गया जिला के खेल पदाधिकारियों ने जर्सी प्रदान कर उत्साहपूर्वक विदा किया।

इस मौके पर डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर राहुल कुमार, गया जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी सुरभि बाला, गया जिला क्रिकेट संघ अध्यक्ष पुलस्कर सिंह और सचिव असद शाहीन उपस्थित रहे। उन्होंने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं और जिले के लिए शानदार प्रदर्शन करने की उम्मीद जताई।

टीम के कोच शुभम कुमार के नेतृत्व में खिलाड़ी नालंदा पहुंचे, जहां रविवार को उनका पहला मुकाबला शेखपुरा के खिलाफ खेला जाएगा।

गया की टीम इस प्रकार है:

मंगल महरौर (कप्तान), गौतम कुमार (उप कप्तान), प्रीतम राज, रंजन राज (विकेटकीपर), नीतीश कुमार, उज्जवल कुमार, निक्कू कुमार, कुश प्रताप, सिद्धार्थ कुमार, शशि शेखर, नीतीश कुमार सिंह, मनदीप यादव, अविनाश कुमार, प्रवीण प्रकाश, सुभल यादव, अभिषेक रहाणे, सनी सोनी, यशस्वी शिवम, संदीप कुमार, अभिषेक।

टीम के चयन और आयोजन में गया जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारी ऑब्जर्वर प्रियंका कुमार, ऑब्जर्वर राजेश कुमार, उपाध्यक्ष दिवेश आनंद, उपसचिव अशोक यादव और कोषाध्यक्ष अरविंद कुमार तिवारी भी उपस्थित रहे।

गया टीम से इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है, और सभी खिलाड़ियों को अपने जिले का नाम रोशन करने का अवसर मिला है।

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BCA की नाकामी, अर्श से फर्श पर पहुंचा Bihar Cricket; रणजी ट्रॉफी में एलीट से प्लेट ग्रुप में हुई वापसी

Bihar Cricket: बीसीसीआई द्वारा आयोजित रणजी ट्रॉफी 2024-25 में बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। बिहार की टीम एलीट ग्रुप से फिर से प्लेट ग्रुप में पहुंच गई। बिहार को इस सीजन में एक भी जीत नहीं मिली। बिहार का यह हाल देखकर लग रहा है कि बिहार की टीम और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अर्श से फर्श पर पहुंच गई है।

बिहार की टीम को इस सीजन में सात मैचों में एक भी जीत नसीब नहीं हुई, जबकि पांच बार पारी से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। बिहार जो पिछले सीजन तक एलीट ग्रुप में बना हुआ था। अब इस सीजन से प्लेट ग्रुप में लौटने को मजबूर हो गया है। यह नाकामी सिर्फ हार तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) की व्यवस्थागत खामियों को भी उजागर करती है। जिस राज्य ने एक समय कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए, वहां अब क्रिकेट का स्तर लगातार गिर रहा है। क्रिकेट के लगातार गिरते स्तर को देखते हुए बिहार के वैभव सूर्यवंशी बिहार छोड़ने का मन बना चुके हैं। 

लचर व्यवस्था के कारण वैभव छोड़ सकते हैं बिहार

यह वही वैभव सूर्यवंशी हैं, जिसको बीसीए ने महज 13 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू करवाकर मान-सम्मान और प्रसिद्धि दिलाई थी। अब यही खिलाड़ी राज्य छोड़ने का मन बना चुका है। आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में मिली नेम-फेम के बाद अब वो बिहार छोड़कर दूसरे राज्य से अवसर तलाश रहे हैं। बिहार में क्रिकेट के गिरते स्तर और लचर व्यवस्था को देखते हुए वैभव आने वाले सीजन में दूसरे राज्य से खेलते दिख सकते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैभव अगले सीजन में तमिलनाडु से खेल सकते हैं। हालांकि यह अभी तक कन्फर्म नहीं हुआ है।

बिहार में गिरता क्रिकेट का स्तर

बिहार में क्रिकेट का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इस साल बिहार की टीम सात मुकाबले में एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाई। बिहार की टीम को घर से बाहर तो करारी शिकस्त झेलनी ही पड़ी लेकिन घर में भी हार का सामना करना पड़ा। अशुतोष अमन के संन्यास के बाद बिहार की गेंदबाजी में पैनापन नहीं दिखा, जिसके कारण विपक्षी टीमों ने रनों का अंबार लगा दिया। बड़े स्कोर के सामने बिहार के बल्लेबाज बौने साबित हुए, जिस कारण बिहार को पांच मैचों को पारियों से हार का सामना करना पड़ा।

रणजी ट्रॉफी 2024-25 में ऐसा रहा है बिहार का प्रदर्शन

2022-23 में प्लेट ग्रुप का फाइनल जीतकर बिहार की टीम पहुंची थी एलीट ग्रुप में

Ranji Trophy 2022-23 - How Bihar won the Ranji Plate title

बिहार की टीम ने 2022-23 में शानदार प्रदर्शन किया था। प्लेट ग्रुप के फाइनल में बिहार ने मणिपुर को 220 रनों से हराकर खिताब अपने नाम किया था। बता दें, यह मुकाबला पटना के मोइनउल हक स्टेडियम में खेला गया था। फाइनल जीतने के बाद बिहार की टीम प्लेट ग्रुप से एलीट ग्रुप में पहुंची थी। लेकिन दो सीजन में ही बिहार को बड़ी टीमों ने बता बिहार क्रिकेट का लेवल क्या है।

जहां से सफर शुरू हुआ था फिर से वहीं पहुंची बिहार की टीम

2018 में पूर्ण मान्यता मिलने के बाद बिहार की टीम को भी बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति मिल गई। इस सीजन में बिहार की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार की मुंबई से हारकर क्वार्टरफाइनल मुकाबले में बाहर हुई थी। वहीं रणजी ट्रॉफी के प्लेट ग्रुप में बिहार ने 5 मैचों में जीत हासिल की थी। उसके बाद बिहार क्रिकेट में थोड़ा सुधार देखने को मिला, लेकिन गुटबाजी, कोर्ट केस और तरह-तरह के मामले भी सामने आने लगे। जिसका नतीजा यह हुआ कि बिहार में क्रिकेट की गति पर फिर से ब्रेक लग गई।

Bihar Cricket Association Ready for 2024-25 Ranji Trophy Elite C Campaign

हालांकि बिहार की टीम ने 2022-23 में प्लेट ग्रुप में फाइनल मुकाबला जीतकर यह साबित कर दिया कि टीम अब बड़े मैचों के लिए तैयार हैं। लेकिन बड़े मैच मिलते ही टीम की पोल खुल गई। एक समय ऐसा लग रहा था कि बिहार क्रिकेट तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन उचित संसाधन नहीं होने के कारण टीम वहीं की वहीं रह गई। जिसका खामियाजा ये हुआ कि खिलाड़ी भी एकजुट नहीं रह पाए। खिलाड़ियों में यह डर बना रहता था कि उनको इस सीजन में मौका मिलेगा या नहीं। उसके अलावा खिलाड़ियों का कैंप भी मुकाबले से महज कुछ दिन पहले ही लगाया जाता है। ऐसे में खिलाड़ी का प्रदर्शन क्या होगा और बड़े मैचों में किस तरह परफॉर्म करेंगे। इसका आंकलन आप खुद भी कर सकते हैं।

BCA से आखिर गलती कहां हो रही है?

  1.  प्रशासनिक लचरता: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अंदर गुटबाजी और राजनीति हावी है। क्रिकेट मैदान में कम और कोर्ट में ज्यादा खेले जा रहे हैं। वहीं इसके अलावा पदों की लड़ाई चल रही है।
  2. सही रणनीति का अभाव: दूसरे राज्यों में रणजी की तैयारी पूरे साल चलती है, लेकिन बिहार में सीजन से ठीक पहले शिविर लगाकर खानापूर्ति कर दी जाती है।
  3. कोचिंग और ट्रेनिंग की कमी: बिहार में आज भी कोचिंग स्टाफ और सपोर्ट सिस्टम की हालत खराब है। खिलाड़ियों को अपने दम पर सुधार करना पड़ता है।
  4. घरेलू क्रिकेट का कमजोर ढांचा: बिहार में डोमेस्टिक टूर्नामेंट्स की संख्या कम है, जिससे खिलाड़ियों को अनुभव नहीं मिल पाता।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) से कुछ सवाल?

  • 2018 में बिहार को पूर्ण मान्यता मिली, लेकिन तब से लेकर अबतक एसोसिएशन में क्रिकेट को लेकर कोई बड़ा बदलाव देखने को क्यों नहीं मिला?
  • लगातार गुटबाजी, भ्रष्टाचार के आरोप से कब बाहर निकलेगी बीसीए?
  • क्रिकेट में राजनीति का क्या काम?
  • बिहार के कोचिंग स्टाफ में अब तक कोई बड़ा नाम क्यों नहीं जुड़ा?
  • क्यों नहीं है बिहार में कोई मजबूत क्रिकेट एकेडमी? जबकि झारखंड में JSCA स्टेडियम और क्रिकेट सिस्टम काफी मजबूत है।

ऐसे सुधर सकता है बिहार क्रिकेट

  • BCA को आरोपों से बचते हुए क्रिकेट पर ध्यान देना होगा। क्रिकेट के हित में फैसले लेने होंगे।
  • घरेलू टूर्नामेंट और कोचिंग सिस्टम को मजबूत करना होगा।
  • युवा खिलाड़ियों को बेहतर मौके देने होंगे।
  • रणजी ट्रॉफी के लिए लंबी अवधि की योजना बनानी होगी।
  • बीसीए को एडमिनिस्ट्रेशन में भी सुधार करना होगा।

क्या खतरे में बिहार क्रिकेट का भविष्य?

बिहार क्रिकेट इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। लगातार हार, खराब प्रबंधन और खिलाड़ियों के पलायन की समस्या क्रिकेट को पूरी तरह से कमजोर बना दिया है। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो बिहार क्रिकेट का भविष्य गर्त में चला जाएगा। BCA को अब सिर्फ नाम के लिए नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के लिए काम करना होगा। नहीं तो आने वाले समय में बिहार से कोई क्रिकेटर नहीं निकल पाएंगा। भारतीय टीम में जगह बनाना तो दूर आईपीएल तक पहुंचना भी मुश्किल होगा। उम्मीद है कि इस सीजन के बाद बीसीए कोई ठोस उपाय करेगी और फिर से टीम को एलीट ग्रुप में पहुंचाने के लिए एकजुट करेगी।

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