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KRIDA NEWS

बिहार क्रिकेट की दुर्दशा का इतिहास, राजनीति ने बिगड़ा बिहार का ‘खेल’

बिहार क्रिकेट का इतिहास ठीक ठाक रहा है। बिहार ने एक बार रणजी फाइनल में जगह भी बनाई थी और देश को रमेश सक्सेना, रणधीर सिंह, सुब्रत बनर्जी, सबा करीम और कुछ हद तक महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ी दिए हैं।

साल 2000 में बिहार विभाजन के साथ यहां के क्रिकेटर्स की दुर्गति की कहानी शुरू हो गयी। बिहार और झारखंड के विभाजन से पहले, राज्य में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) जैसी संस्था थी। राज्यों के विभाजन के बाद, 2001 में क्रिकेट बोर्ड को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन और झारखंड क्रिकेट संघ (अब झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन) में विभाजित किया गया था।

राजनीति में उलझा खेल

1936 में स्थापित बिहार क्रिकेट एसोशिएशनन अपने आपसी राजनीति में उलझकर क्रिकेट जगत से अलग-थलग पड़ गया। 2003-04 में के बाद बिहार क्रिकेट टीम ने रणजी ट्रॉफी में भाग नहीं लिया है। इस बारे में एक खेल पत्रकार कहते हैं “इसका मुख्य कारण बिहार में क्रिकेट गवर्निंग बॉडी की उदाशीनता। 2001 में लालू यादव के बीसीए प्रसीडेंट बनने के बाद बिहार के क्रिकेट में पॉलिटिक्स हावी हो गई जिसने क्रिकेट में बिहारी प्रतिभा की लोटिया डुबो कर रख दिया।

2002 के प्रेसिडेंट इलेक्शन के बाद बिहार की मान्यता रद्द कर दी गयी और उनका वोटिंग पावर भी छीन लिया गया. इसके बाद बिहार क्रिकेट को भ्रष्टाचार, लापरवाही और गंदी राजनीति ने और अंधेरे में धकेल दिया। बीसीए भी दो शिविरों में विभाजित हो गया- एक लालू प्रसाद यादव और दूसरा अजय नारायण शर्मा। क्रिकेट भले ही यहां बंद हो गया लेकिन यहां कई संस्थाओं का जन्म जरूर हो गया और एक समय में तो बिहार क्रिकेट की चार चार एसोसिएशन्स थी।

2015 में बीसीसीआई ने बिहार क्रिकेट के बुनियादी ढांचे में विकास और क्रिकेट गतिविधियों के लिए 50 लाख रुपये का अनुदान बीसीए को दिया था। ये पैसा कहा गया किसी को पता नहीं – बीसीए सचिव रवि शंकर प्रसाद सिंह और पूर्व सचिव अजय नारायण शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज है और उसके बाद बीसीसीआई ने बीसीए को फंड देना बंद कर दिया। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार अब भी राज्य के सामने एक बहुत बड़ी बाधा है।

हालांकि 17 अप्रैल 2018 को सौरव गांगुली के नेतृत्व में बीसीसीआई की टेक्निकल समिति ने बिहार को रणजी में खेलने की हरी झंडी दे दी। हरी झंडी मिलने के बाद बिहार ने प्रज्ञान ओझा ने नेतृत्व में टीम की घोषणा की। उस सीजन बिहार का प्रदर्शन औसतन से अच्छा रहा था। 

वही दूसरे साल में बिहार का प्रदर्शन औसतन से नीचे रहा और बिहार को ज्यादातर मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था। कोरोना वायरस महामारी के चलते लेट से शुरू हुए घरेलू सत्र के सयैद मुश्ताक़ अली टी-20 में शानदार प्रदर्शन किया और अंतिम आठ में जगह भी बनाई लेकिन राजस्थान के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 

उसके बाद बीसीसीआई ने विजय हजारे ट्रॉफी का शेड्यूल जारी किया। इसके बाद जब बिहार की टीम घोषित हुई तो अपनों के बीच ही घमासान शुरू हो गया। कई ने तो यह भी कह दिया कि पिता के प्रदर्शन के आधार पर पुत्र को टीम में जगह मिली है। 

बिहार क्रिकेट में लगातार चल रहे आलोचना ने बिहार क्रिकेट की दुर्दशा का इतिहास बताने पर मजबूर कर दिया। कुछ बातें निकल कर सामने आयी है जिसे अगर सुधार कर लिया जाए तो बिहार के क्रिकेटर भी भारतीय टीम के लिए खेलते दिखेंगे।

  • सबसे जरूरी है क्रिकेट में पॉलिटिक्स और पॉलिटिशियन के हस्तक्षेप को सीमित किया जाए। 
  • साथ ही बीसीए में चल रहे आंतरिक मतभेद को खेल हित में समाप्त हो जाना चाहिए। 
  • आज भारतीय क्रिकेट टीम में हर राज्य के प्रतिभाशाली खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन कर रहे हैं लेकिन बिहार के खिलाड़ी अभी भी पीछे रह जा रहे है।
  • बिहार के क्रिकेटर ‘मैनेजमेंट’ के आतंरिक कलह की वजह से घरेलू टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने से वंचित रह जाते हैं।”

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1st Senior Inter District Championship: पटना टीम की घोषणा, अतिश कुमार को बनाया गया कप्तान

पटना: टी10 टीसीए कैमूर द्वारा आयोजित 1st Senior Inter District Championship का आयोजन 20 से 22 सितंबर तक कैमूर के श्री श्री 108 हाई स्कूल ग्राउंड, नगर पंचायत हाता में किया जाएगा। यह टूर्नामेंट टी10 टेनिस बॉल क्रिकेट एसोसिएशन बिहार से मान्यता प्राप्त है।

पटना टीम आज रात बृहस्पतिवार की पूर्णिमा एक्सप्रेस से भभुआ के लिए रवाना होगी। सभी खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ ने इस टूर्नामेंट में उत्कृष्ट प्रदर्शन की उम्मीद जताई है। पटना जिले की क्रिकेट टीम का ऐलान कर दिया गया है, जिसमें निम्नलिखित खिलाड़ियों का चयन किया गया है:

  1. अतिश कुमार (कप्तान)
  2. नंदन कुमार (उप-कप्तान)
  3. प्राणव राज
  4. अभिषेक कुमार
  5. मनीष कुमार
  6. विकास कुमार
  7. अंकित कुमार
  8. राहुल कुमार
  9. संटू कुमार
  10. निशांत सिंह धोनी
  11. अमर कुमार
  12. विकास कुमार
  13. पार्थ
  14. सागर कुमार

कोच: प्रभात कुमार
टीम प्रबंधक: धर्मेंद्र कुमार

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IPL 2025 का ऑक्शन दुबई में, रिटेंशन पॉलिसी में भी हो सकती है बड़ी बदलाव

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2025) की नीलामी नवंबर 2024 में विदेश में होने जा रही है। बीसीसीआई की ओर से संभावित स्थानों में दुबई, दोहा और अबू धाबी का नाम सामने आया है, जबकि सऊदी अरब भी इसे होस्ट करने के लिए दिलचस्पी दिखा रहा है। यह निर्णय पिछले साल की सफल दुबई नीलामी के बाद लिया गया, जो भारत के बाहर आयोजित पहली नीलामी थी।

हालांकि, बीसीसीआई ने अभी तक खिलाड़ियों की रिटेंशन पॉलिसी पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, जिससे टीम मालिकों के बीच चिंता बढ़ रही है। उम्मीद थी कि सितंबर के अंत तक ये नियम जारी हो जाएंगे, क्योंकि 15 नवंबर तक खिलाड़ियों को रिटेन करने की समयसीमा है। नियमों में देरी से फ्रेंचाइजियों की तैयारी पर असर पड़ सकता है।

इसके अलावा, इस नीलामी में कई बड़े बदलाव होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, बिना कैप वाले खिलाड़ियों (अनकैप्ड प्लेयर्स) के वापसी का एक नया नियम लागू किया जा सकता है, जो युवा खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है।

कोचिंग बदलावों की बात करें तो, 2011 विश्व कप विजेता और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल के एक आईपीएल टीम के कोच के रूप में जुड़ने की खबरें हैं, हालांकि किस टीम के साथ वे जुड़ेंगे, इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। वहीं, राहुल द्रविड़ की राजस्थान रॉयल्स के मुख्य कोच के रूप में वापसी और रिकी पोंटिंग का पंजाब किंग्स के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त होना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। पोंटिंग इससे पहले दिल्ली कैपिटल्स के साथ सात वर्षों तक जुड़े रहे हैं। आईपीएल की यह नीलामी कई मायनों में खास हो सकती है, और क्रिकेट प्रेमी इस रोमांचक घटनाक्रम पर नजरें गड़ाए हुए हैं।

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पटना में आयोजित राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में उम्मे हबीबा बनीं सबसे तेज धावक

पटना, 19 सितंबर 2024: स्थानीय पाटलिपुत्र खेल परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय (अन्तर्जिला) विद्यालय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में बालिका अंडर-19 के 100 मीटर दौड़ में पटना की उम्मे हबीबा ने 12.96 सेकंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा में औरंगाबाद की सोनम प्रकाश ने रजत (13.06 सेकंड) और रोहतास की कुसुम कुमारी ने कांस्य पदक (14.37 सेकंड) प्राप्त किया।

बालिका अंडर-17 वर्ग में सारण की पूजा कुमारी ने स्वर्ण, कैमूर की काजल कुमारी ने रजत और पटना की अनन्या श्री ने कांस्य पदक जीता। अंडर-14 में एकलव्य प्रशिक्षण केन्द्र की मान्वी कुमारी ने स्वर्ण, जबकि पश्चिम चम्पारण की दिपीका कुमारी और प्रिती कुमारी ने क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीते।

उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि श्री सुरेन्द्र मेहता, माननीय मंत्री, खेल विभाग, बिहार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार खेलों के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि जल्द ही बिहार के खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएंगे। विशिष्ट अतिथि विधायक श्री अरूण कुमार सिन्हा ने भी खेलों में करियर बनाने के अवसरों पर जोर दिया।

प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों ने पटना मुस्लिम हाई स्कूल की बैण्ड धुन पर आकर्षक मार्च पास्ट किया। सभी खिलाड़ियों को खेल भावना की शपथ पटना की राष्ट्रीय एथलीट सुश्री प्रियांशी ने दिलाई।

प्रतियोगिता का संचालन एन.आई.एस. प्रशिक्षक श्री अभिषेक कुमार ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन उप विकास आयुक्त श्री समीर सौरव ने दिया। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की।

प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार हैं:

बालिका अंडर-14

  • ऊँची कूद:
    1. यास्मीन परवीण, पटना
    2. चाहत कुमारी, पटना
    3. सोनाली वर्मा, सिवान
  • शाॅटपुट:
    1. पल्लवी सिंह, गया
    2. इस्मत आरा, किशनगंज
    3. दिपाली कुमारी, गया

बालिका अंडर-17

  • ऊँची कूद:
    1. नीमा कुमारी, सारण
    2. अनन्या प्रताप, पटना
    3. मान्सी कुमारी, पटना
  • शाॅटपुट:
    1. शौम्या राय, सिवान
    2. इस्मत आरा, किशनगंज
    3. अंजुमन निशा, एकलव्य प्रशिक्षण केन्द्र
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डॉ परमेश्वर दयाल स्मृति अंडर-13 क्रिकेट टूर्नामेंट 23 सितंबर से पटना में

पटना, 18 सितंबर। मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और देश के जाने-माने भूगोलविद् स्व. डॉ. परमेश्वर दयाल की स्मृति में मोइनुल हक स्टेडियम स्थित क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार (सीएबी) के ग्राउंड पर डॉ परमेश्वर दयाल स्मृति अंडर-13 इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन आगामी 23 सितंबर से किया जायेगा। यह जानकारी क्रिकेट एकेडमी ऑफ बिहार के निदेशक सह भारतीय युवा क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अमिकर दयाल ने दी।

उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में स्कूल, एकेडमी और संस्थानों की टीमें हिस्सा लेंगी। उन्होंने कहा कि मैच नॉकआउट आधार पर खेले जायेंगे। इस टूर्नामेंट में सिर्फ 24 टीमों को भाग लेने की अनुमति दी जायेगी। मैच पैनल अंपायर करेंगे। आयोजन समिति की ओर जलपान और शीतल पेय की व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि मैच 25-25 ओवर के खेले जायेंगे। प्रतिदिन दो-दो मैच खेले जायेंगे।

उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के सफल संचालन के लिए संतोष तिवारी को आयोजन सचिव बनाया गया है। इस टूर्नामेंट के विजेता व उपविजेता टीम को चमचमाती ट्रॉफी के अलावा प्लेयरों को व्यक्तिगत पुरस्कार दिये जायेंगे। साथ ही प्रतिदिन मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया जायेगा। साथ ही प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट, बेस्ट बैट्समैन, बेस्ट बॉलर, बेस्ट फील्डर समेत कई पुरस्कार दिये जायेंगे। साथ ही उदीयमान खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया जायेगा। मैच में खेलने हेतू उम्र सत्यापन हेतू जन्म प्रमाण पत्र आधार कार्ड प्रत्येक मैच के दौरान खिलाड़ी को साथ लाना होगा। विशेष जानकारी के लिए आयोजन सचिव संतोष तिवारी से मोबाइल नंबर 9386962380 और मुकेश कुमार से मोबाइल नंबर 8292832111 पर संपर्क कर सकते हैं। फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख 21 सितंबर है।

कौन थे परमेश्वर दयाल
शिक्षाविद्और पूर्व कुलपति स्व. डॉ. परमेश्वर दयाल पटना कॉलेज के भूगोल विभाग में रीडर और विभागाध्यक्ष के रूप में काम किया। फिर मगध विवि के कुलपति बने। डॉ. दयाल को भूगोल का फादर ऑफ इंडिया कहा जाता है। स्व. दयाल ने बीएचयू और उस्मानिया विश्वविद्यालय में भी अध्यापन का कार्य किया था। उन्होंने दर्जनों पुस्तकें लिखी हैं जबकि 70 से अधिक शोध पत्र हैं। वे शिलांग के नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी में विजिटिंग प्रोफेसर भी थे। स्व.डॉ परमेश्वर दयाल क्रिकेटर अमिकर दयाल के पिता थे। वर्ष 2015 में डॉ परमेश्वर दयाल ने इस दुनिया को अलविदा कहा।

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