पटना:- बीसीसीआई द्वारा आयोजित विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार और कर्नाटक के बीच जस्ट क्रिकेट बेंगलुरु में खेले गए दूसरे मुकाबले में कर्नाटक ने बिहार को 267 रनों की विशाल अंतर से मात दी।
जिसकी जानकारी देते हुए बीसीए मीडिया कमेटी के संयोजक कृष्णा पटेल ने बताया कि आज सुबह टॉस बिहार के कप्तान आशुतोष अमन ने जीतकर कर्नाटक को बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित कर क्षेत्ररक्षण करने का निर्णय लिया।
कर्नाटक की ओर से पारी की शुरुआत करने आए सलामी बल्लेबाज सामर्थ आर. और देवदत् पडीक्कल कर्नाटक को ठोस शुरुआत दिलाई और 29.3 ओवरों में 153 रन के योग पर कर्नाटक को पहला झटका सलामी बल्लेबाज देवदत्त के रूप में लगा जब वो 97 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर अपना संयम खो बैठे और शतक लगाने से चूक गए।
जिसे बिहार के गेंदबाज राहुल कुमार ने क्लीन बोल्ड कर अपना शिकार बनाया और देवदत्त को शतक लगाने से वंचित कर बिहार को पहली सफलता दिलाई।
उसके बाद बल्लेबाजी करने आए सिद्धार्थ के. भी. ने इस पारी को आगे बढ़ाते हुए सलामी बल्लेबाज सामर्थ के साथ 48.1 ओवरों में टीम का स्कोर 324 रन तक पहुंचाए थे तभी सिद्धार्थ को अनुज राज ने कॉट एंड बोल्ड कर 76 रन के निजी स्कोर पर चलता कर बिहार को दूसरी सफलता दिलाई और 335 रन के योग पर तीसरी सफलता अनुज राज ने अनिरुद्ध के रूप में सकीबुल गनी के हाथों कैच कराकर दिलाई।
लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और एक छोर पर डंटकर बल्लेबाजी कर रहे सलामी बल्लेबाज सामर्थ ने नाबाद रहते हुए 144 गेंदों पर 158 रनों की शानदार शतकीय पारी खेलते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 3 विकेट खोकर 354 रनों के स्कोर तक पहुंचाया और बिहार के सामने जीत के लिए 355 रनों का लक्ष्य रखा।
बिहार की ओर से गेंदबाजी कर रहे गेंदबाज अनुज राज ने 10 ओवरों में 68 रन देकर सर्वाधिक दो सफलताएं अर्जित की जबकि राहुल कुमार को एक सफलता हाथ लगी ।
जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी बिहार टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और बिहार की ओर से पारी की शुरुआत करने सलामी बल्लेबाज के रूप में सकीबुल गनी और शशीम राठौर आए।
लेकिन 1.2 ओवरों में बिहार को पहला झटका 2 रन के योग पर लगा। जब शशीम राठौर बिना खाता खोले 1 रन चुराने के फिराक में सिद्धार्थ के हाथों रन आउट होकर पवेलियन वापस आ गए और इसी ओवर की आखिरी गेंद पर बिहार टीम को दूसरा झटका लगा जब बाबुल कुमार को बिना खाता खोले एम.प्रसिद्ध ने विकेट के बीचों-बीच पकड़ा और अंपायर ने पगबाधा करार देते हुए पवेलियन का रास्ता दिखाया।
दो लगातार झटके लगने के बाद बिहार के बल्लेबाज मंगल महरूर क्रीज पर आए लेकिन वो भी टीम को मझधार में छोड़ गए जिसे एम. प्रसिद्ध ने 8 रन के निजी स्कोर पर क्लीन बोल्ड कर 5.4 ओवरों में कुल 12 रन के योग पर बिहार को तीसरा झटका दिया।
जबकि 13 रन के योग पर अगले ओवर में कर्नाटक के गेंदबाज मिथुन ए. ने बिहार के बल्लेबाज आकाश राज और विकास रंजन को पगबाधा कर दो लगातार विकेट झटकते हुए बिहार को चौथा और पांचवां झटका दिया और पूरी तरह से कमर तोड़ दी।
उसके बाद सलामी बल्लेबाज सकीबुल गनी का साथ देने आए कप्तान आशुतोष अमन ने संघर्ष करते हुए टीम का स्कोर 57 रन तक पहुंचाया तभी कप्तान आशुतोष अमन को एक 11 रन के निजी स्कोर पर सुचिथ ने अनिरुद्ध के हाथों कैच कराकर बिहार को छठा झटका दिया और लगातार विकेटों का गिरने का सिलसिला जारी रहा और बिहार की पूरी टीम 27.2 ओवरों में 87 रन पर सिमट गई और कर्नाटक ने इस मैच को 267 रनों के विशाल अंतर से जीत दर्ज कर सभी चार अंक अपनी झोली में डाल लिया।
बिहार की ओर से एकमात्र सलामी बल्लेबाज सकीबुल गनी ने साहसिक पारी खेलते हुए 37 रनों का योगदान दिया जिसे एम. प्रसिद्ध ने करुण नायर के हाथों कैच कराकर इस पारी का अंत किया।
कर्नाटक की ओर से गेंदबाज एम. प्रसिद्ध ने 6.1 ओवरों में तीन मैडेन ओवर के साथ 17 रन देकर सर्वाधिक चार सफलताएं अर्जित की। जबकि मिथुन और श्रेयस गोपाल को दो-दो सफलताएं हासिल हुई।
बिहार का तीसरा मुकाबला 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के साथ एलुर क्रिकेट स्टेडियम बेंगलुरु में खेला जाएगा।





फाइनल मुकाबले के बाद आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर अतिथि बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मृत्युंजय तिवारी, हरिशंकर रवि (एनएसडी स्नातक एवं नेशनल अवार्डी), छोटे लाल सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता), विनोद कुमार सिंह (समाजसेवी), सुनील कुमार (समाजसेवी) और राकेश कुमार चंद्रवंशी (समाजसेवी) खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय उद्घोषक मृत्युंजय झा ने किया जबकि स्कोरिंग की जिम्मेदारी हिमांशु ने निभाई। अंपायर राजेश रंजन और बैजनाथ प्रसाद थे। सबों का स्वागत और धन्यवाद व्यक्त आयोजक संस्था के संस्थापक सचिव संतोष तिवारी ने किया।


