आस्ट्रेलिया के शीर्ष सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर ने शनिवार को कहा कि भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट से पहले उनका पूर्ण फिटनेस हासिल करना ‘काफी मुश्किल’ है। उन्होंने हालांकि कहा कि वह चयन पैनल और टीम प्रबंधन के भरोसे पर खरा उतरने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
वार्नर को भारत के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान ग्रोइन में चोट लगी थी और उनका सात से 11 जनवरी तक होने वाले तीसरे टेस्ट के लिए पूरी तरह फिट होना मुश्किल लग रहा है। वह श्रृंखला के पहले दो टेस्ट में भी नहीं खेल पाए थे जहां पारी का आगाज करने वाले जो बर्न्स और मैथ्यू वेड उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहे।
फिटनेट के बारे में पूछने पर वार्नर ने आनलाइन प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, ‘‘हमें आज और कल ट्रेनिंग सत्र में हिस्सा लेना है इसलिए मैं आपको इससे अधिक संकेत नहीं दे सकता कि अभी मेरी स्थिति क्या है। मैंने पिछले कुछ दिन से ट्रेनिंग नहीं की है लेकिन आज और कल की ट्रेनिंग के बाद बेहतर संकेत मिलेगा कि मेरी स्थिति क्या है। क्या मैं शत प्रतिशत फिट हो जाऊंगा? काफी मुश्किल है।’’
उनके अगले बयान में हालांकि क्रिकेट आस्ट्रेलिया और टीम प्रबंधन की उन्हें खिलाने को लेकर उत्सुकता का पता चलता है।बायें हाथ के इस सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘‘लेकिन मैं मैदान पर उतरने और खेलने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा। अगर इसका मतलब यह भी है कि मैं शत प्रतिशत फिट नहीं हूं तो भी अगर चयनकर्ता हरी झंडी देते हैं तो मैं हर संभव प्रयास करूंगा। ’’
वार्नर ने कहा कि कुछ नेट सत्र के दौरान उन्होंने पैर बाहर निकालकर खेलने का प्रयास नहीं किया लेकिन उन्हें पता है कि मैदान के दौरान कितने जज्बे की जरूरत होती है।उन्होंने कहा, ‘‘नेट पर बल्लेबाजी करने से संभवत: मुझे मदद मिली क्योंकि मुझे पता चला कि मुझे गेंद के मेरे करीब गिरने का इंतजार करना पड़ रहा है और मैं उस तक नहीं पहुंच रहा और एक जगह खड़ा होकर खेलने का प्रयास कर रहा हूं। यह कहना अजीब है।’’
वार्नर ने कहा कि कुछ नेट सत्र के दौरान उन्होंने पैर बाहर निकालकर खेलने का प्रयास नहीं किया लेकिन उन्हें पता है कि मैदान के दौरान कितने जज्बे की जरूरत होती है।उन्होंने कहा, ‘‘नेट पर बल्लेबाजी करने से संभवत: मुझे मदद मिली क्योंकि मुझे पता चला कि मुझे गेंद के मेरे करीब गिरने का इंतजार करना पड़ रहा है और मैं उस तक नहीं पहुंच रहा और एक जगह खड़ा होकर खेलने का प्रयास कर रहा हूं। यह कहना अजीब है।’’
वार्नर की प्राथमिकता अधिक शॉट खेलने की जगह यह देखना है कि क्या वह गेंद को खेलने के बाद तेजी से एक रन लेने में सक्षम है या नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए विकेटों के बीच मेरी गति है जो मायने रखती है, इसके अलावा कुछ नहीं। इससे भी अधिक कि मैं कौन से शॉट खेल पा रहा हूं या नहीं, देखना होगा कि मैं शॉट खेलने के बाद तेजी से एक रन ले पा रहा हूं या नहीं।’’ वार्नर ने कहा, ‘‘ये ऐसी चीजें हैं जिसके लिए मैं शत प्रतिशत फिट होना चाहता हूं और इस मामले में ऐसा नहीं होने जा रहा।’’
एक और बड़ी चिंता यह है कि कैच लेने या लेग स्लिप या लेग गली में क्षेत्ररक्षण करते हुए क्या वार्नर अपने दायीं या बायीं ओर गोता लगा पाएंगे।
टीम वार्नर को खिलाने को लेकर कितनी उत्सुक है इसका अंदाजा उनके रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम से भी लगता है जिसमें उन्हें दर्द निवारक दवा के इंजेक्शन भी दिए गए।
उन्होंने कहा, ‘‘रिहैबिलिटेशन की बात करूं तो दर्द मुक्त होने के लिए मैंने कुछ इंजेक्शन लिए और पहले दो हफ्ते चुनौतीपूर्ण थे। पलंग पर हिलना-डुलना भी मुश्किल था, कार के अंदर बैठना और बाहर निकलना। पहले इंजेक्शन से थोड़ा दर्द मुक्त होने में मदद मिली और मैं कुछ रिहैबिलिटेशन कर पाया। ’