पटना:- बिहार के एक ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने गरीबी की मार झेलते हुए बिहार के क्रिकेट में अपना नाम बनाया लेकिन उन्हें बिहार क्रिकेट ने हमेशा नजरअंदाज किया । पटना में जन्में रेहान दास गुप्ता ने अपने मेहनत और लगन से बिहार के कई टूर्नामेंटों में अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने सिर्फ बिहार ही नही बल्कि बिहार के बाहर भी अपनी एक पहचान बनाई है। रेहान दास गुप्ता का जन्म 1 जनवरी 1990 को पटना के दानापुर में हुआ। छोटे उम्र में ही कपिल देव को टीवी पर देखकर बल्ला एवं गेंद से लगाव हो गया था।
रेहान दास गुप्ता ने अपने कैरियर की शुरुआत 2003 में पटना जूनियर डिवीज़न लीग से किया। वाईबीसीसी की टीम ने रेहान को पहली बार लीग में खेलने का मौका दिया।कुछ सालों के बाद उन्हें अमर सीसी के लिए ए डिवीज़न लीग खेलने का मौका मिला। जब उन्हें पटना से मौका नही मिला तो उन्होंने भोजपुर के तरफ रुख किया। वर्तमान में वो भोजपुर टीम से खेल रहे है।
छोटी उम्र में ही माँ-पिता का साया सर से उठा
रेहान बताते है कि जब वो 3 महीने के थे तब ही उसके सर से माँ का साया उठ गया। उसके कुछ दिनों के बाद पिता भी दुनिया को छोड़कर चले गए। छोटे उम्र में ही रेहान ने अपने माँ-पिता को खो दिया। उसके बाद दीदी और बड़े भाई का साथ मिला और उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया। गरीबी को झेलते हुए रेहान ने कभी हार नही मानी। उनका कहना है कि जब तक मेरा शरीर साथ देगा तब तक मैं खेलता रहूंगा फिर चाहे कितनी भी मुसीबतें क्यों न आए हार नही मानूँगा।
रेहान को सबसे बुरे वक्त में मिला अश्वनी पब्लिक स्कूल की निदेशिका का साथ
अश्वनी पब्लिक स्कूल की निदेशिका निशिकान्ता सिंह ने रेहान को बतौर स्पोर्ट्स टीचर नियुक्त किया। रेहान बताते है कि उन्होंने मेरे सबसे खराब वक्त में मेरा साथ दिया है। उसके लिए मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा। बतौर स्पोर्ट्स टीचर और सीनियर खिलाड़ी के नाते उन्होंने बच्चो को वो सारी सुविधा मुहैया कराई जो एक राज्यस्तरीय क्रिकेटर को मिलना चाहिए। उनके प्रशिक्षण से कई खिलाड़ी राज्य के साथ साथ देश का नाम भी रोशन कर रहे है।