मेघालय के पूर्वी खासी पर्वतीय जिले में शुक्रवार को भारी बारिश से हुए भूस्खलन में कई घर मलबे में दब गए, जिसमें दो महिला क्रिकेटरों की मौत हो गयी जबकि तीन अन्य लोग लापता है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
मावनेई इलाके के सरपंच बाह बुद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर मेघालय का प्रतिनिधित्व करने वाली रजिया अहमद (30) और स्थानीय खिलाड़ी फिरोजिया खान के शव मलबे से निकाल लिये गये हैं।
मेघालय क्रिकेट संघ के महासचिव गिडिओन खारकोंगोर ने कहा कि रजिया 2011-12 से राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न टूर्नामेंट में राज्य का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। उन्होंने कहा कि रजिया ने पिछले साल बीसीसीआई द्वारा आयोजित टूर्नामेंट में मेघालय की ओर से भाग लिया था।
रजिया की टीम की साथियों ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। महिला क्रिकेटर काकोली चक्रवर्ती ने कहा, ‘रजिया की याद आएगी। हम उनकी आत्मा की शांति की लिये प्रार्थना करेंगे।’

बिहार भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष सह पूर्व BCA अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के ऊपर बैंक से धोखाधड़ी एवं अवैध निकाशी के मामले में FIR दर्ज
पटना: बिहार भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष सह बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के खिलाफ बैंक से धोखाधड़ी एवं अवैध निकासी के गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई है। मामला बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के बैंक खाते से जुड़ा हुआ है, जिसमें नियमों की अनदेखी कर लाखों रुपये के लेन-देन का आरोप लगाया गया है।
शिकायत के अनुसार, BCA के तत्कालीन कोषाध्यक्ष के निधन के बावजूद HDFC बैंक में एसोसिएशन के खाते का संचालन जारी रखा गया। बैंक रिकॉर्ड में यह सामने आया कि उस समय खाते का संचालन तत्कालीन अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और तत्कालीन कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जा रहा था, जबकि BCA के नियमों के तहत बैंक खाते का संचालन सचिव और कोषाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से होना अनिवार्य है।
आरोप है कि राकेश कुमार तिवारी ने BCA के अकाउंट विभाग और HDFC बैंक मैनेजर की मिलीभगत से क्रिकेट एसोसिएशन के चेक और RTGS फॉर्म पर मृतक कोषाध्यक्ष के जाली हस्ताक्षर कराए। इन्हीं जाली दस्तावेजों के आधार पर लगभग 30 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर किए गए।
इस पूरे मामले में याचिकाकर्ता बिहार शिवसेना के तत्कालीन अध्यक्ष आशुतोष झा हैं, जिन्होंने कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। परिवादी ने पहले श्रीकृष्णा पुरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद पटना सिविल कोर्ट के आदेश पर पाटलिपुत्रा थाना में गैर-जमानती एफआईआर दर्ज की गई, जिसके बाद आपराधिक जांच शुरू हो गई है।
एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318/4, 316/2, 315, 336/3, 335, 338, 334 तथा 3/4 बंस के तहत मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल मामला पुलिस और न्यायालय की प्रक्रिया में लंबित है तथा आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट और कानूनी प्रक्रिया के आधार पर की जाएगी।






तीसरा मुकाबला

