बीसीसीआई इस सीजन में भारत में किसी भी घरेलू क्रिकेट की मेजबानी नहीं करने की संभावना जताई है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अलावा कोई भी घरेलू टूर्नामेंट इस साल नहीं होता दिख रहा है। क्रिकेट बोर्ड को इस बात का एहसास है कि रणजी और दलीप ट्रॉफी जैसे पुराने, अंडर-23 सीके नायडू ट्रॉफी, विजय हज़ारे, देवधर ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक़ अली टी-20 जैसे प्रमुख घरेलू टूर्नामेंटों का आयोजन इस साल नही किया जा सकता है।
हालांकि बीसीसीआई के तरफ से औपचारिक निर्णय अभी तक नहीं आया है। लेकिन ऐसा समझा जा रहा है इस टूर्नामेंट की मेजबानी करने में बोर्ड सक्षम नही है। क्योंकि कोविड-19 ही प्राथमिक चिंता का विषय बनी हुई है। कुछ राज्यों में कोरोना पॉजिटिव केस ज्यादा है और अन्य राज्यों में इसकी स्थिति बदतर है। इसको देखते हुए तीन या चार महीने के समय का योजना करना मुश्किल ही नही कठिन भी है। इसकी जानकारी देते हुए सूत्रों ने कहा कि आप बता नही सकते कि कल क्या होने वाला है।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने 22 अगस्त को सभी राज्य संघों को एक पत्र के माध्यम से कहा था कि इस साल एक रूका हुआ घरेलू सत्र और एक छोटा रणजी ट्रॉफी आयोजित किया जाएगा। बीसीसीआई कुछ टूर्नामेंटों से हटकर घरेलू क्रिकेटरों, सहायक कर्मचारियों और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों जैसे सर्किट, ग्राउंड्समैन, मैच अधिकारी, स्कोरर आदि के लिए आय की गारंटी देता है।
Admission Open |
गांगुली ने घरेलू क्रिकेट को फिर से शुरू करने के लिए एक रोडमैप का प्रस्ताव दिया था, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि घरेलू क्रिकेट तब ही होगी जब स्थिति में सुधार होगा। लेकिन परिस्थितियां वास्तव में नहीं बदली हैं।
बीसीसीआई के लिए सबसे बड़ी बाधा सभी राज्य और शहर के अधिकारियों से अनुमति लेने के मामले में रही है। “पहले, राज्य सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी। फिर शहर-विशिष्ट नगरपालिकाओं से अनुमति की आवश्यकता होगी।अगर अनुमति मिल भी जाती है तो 37 रणजी टीमों, दलीप ट्रॉफी टीमों और सभी टीमों के लिए जैव-सुरक्षित बुलबुला तैयार करना बहुत ज्यादा मुश्किल है। यात्रा और आवास एक और चिंता का विषय होगा। ऐसे में यह संभव नहीं होता दिख रहा है कि इस बार घरेलू टूर्नामेंट खेले जाएंगे।
अलग-अलग आयु समूह के एक हजार से अधिक क्रिकेटरों को जोखिम में नहीं डाला जा सकता है। “अफ़सोस की बात यह है कि भारत में घरेलू क्रिकेट के लिए ज़िम्मेदार लोगों को इसे बहुत पहले ही देखना चाहिए था। जबकि वे इस सब का इंतज़ार कर रहे थे?” राज्य संघों का कहना है कि बीसीसीआई आईपीएल करवा सकती है, लेकिन भारत में अन्य घरेलू टूर्नामेंटों की मेजबानी करना असंभव है, यह एक ऐसा मामला जिसकी आलोचना लगातार हो रही है।
अगर बात आईपीएल की आती है तो आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए एक अच्छा बिज़नेस माना जाता है और आईपीएल से मुनाफा भी अधिक होता होता है। आईपीएल टेलीविजन पर अच्छा बिकता है। आईपीएल की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग पल है जो केवल क्रिकेट के खेल तक ही सीमित नही है, इसलिए ऐसे में भी आईपीएल के आयोजन कराया जा रहा है।